
आखिरकार सीजन के बीच में रवींद्र जडेजा ने कप्तानी छोड़ने के बारे में सीएसकेके नए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने बताया कि कप्तानी की जरूरतों को पूरा करने के दौरान जडेजा के खेल पर असर पड़ रहा था। वह टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे।
इस सीजन की शुरुआत से 1 दिन पहले रवींद्र जडेजा को कप्तान नियुक्त किया गया था, लेकिन यह ऑलराउंडर कप्तानी दबाव में टीम के लिए योगदान नहीं दे सका। कप्तानी में वापसी करने के बाद धोनी ने तुरंत परिणाम दिया और सनराइजर्स के खिलाफ चेन्नई ने 13 रनों से मुकाबला जीत लिया।
धोनी ने कहा, जडेजा को मालूम था कि इस साल वह कप्तानी करने वाले हैं। पहले दो मुकाबलों में धोनी ने रवींद्र जडेजा को जरूरी सलाह दी और फील्ड सेटिंग में मदद की। इसके बाद माही के अनुसार उन्होंने जडेजा की कप्तानी में सहायता करने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने बताया कि कप्तानी में बदलाव एक सतत प्रक्रिया थी।
माही कहते हैं कि जडेजा को कप्तान के रूप में तैयार होने के लिए काफी समय मिला और मैं चाहता था कि वह टीम को पूरी तरह से लीड करें। सीजन के अंत में धोनी जडेजा को ऐसा महसूस नहीं करवाना चाहते थे कि मानो जड्डू को कप्तानी केवल टॉस करने के लिए दी गई है, बाकी निर्णय कोई और ले रहा है।
धोनी कहते हैं कुल मिलाकर यह एक क्रमिक बदलाव की प्रक्रिया थी। स्पून-फीडिंग से किसी कप्तान को मदद नहीं मिलती। मैदान पर आपको जरूरी फैसले खुद ही लेने पड़ते हैं और बाद में निर्णय की जिम्मेदारी भी आप ही पर होती है। एक बार आप कप्तान बन जाते हैंतो बाकी सारी जिम्मेदारियों के साथ आपको अपने खेल का भी ध्यान रखना होता है।अगर कप्तानी के दबाव से मुक्त होकर जडेजा अपना बेस्ट दे पाते हैं, तो हमको भी वही चाहिए। हम ऑलराउंडर के साथ एक अद्भुत फील्डर भी खो रहे थे। डीप मिडविकेट पर फील्डिंग में टीम लगातार संघर्ष कर रही थी। इस सीजन 17-18 कैच गंवाना चिंता का विषय है। यह हमारे लिए मुश्किल दौर है, लेकिन हमें उम्मीद है कि जडेजा की वापसी दमदार होगी।