दिल्ली के जहांगीरपुरी और तुगलकाबाद में अतिक्रमण हटाने के बाद आज शाहीन बाग के इलाकों में बुलडोजर के एक्शन की बारी थी, लेकिन एक खास वजह से अतिक्रमण हटाओ अभियान टाल दिया गया। निगम के अफसर मौजूद थे और बुलडोजर भी पहुंच गया था, लेकिन पुलिस की मौजूदगी नहीं होने की वजह से अभियान को स्थगित करना पड़ा। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में अतिक्रमण विरोधी अभियान के नए एक्शन प्लान के तहत आज यानी गुरुवार को शाहीन बाग में ध्वस्तीकरण की योजना बनाई थी, लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया।
एक समाचार एजेंसी के अनुसार अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर सेंट्रल डोन एसडीएमसी के स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन राजपाल ने कहा कि हमने अपने कार्यक्रम और हमारे अधिकारियों के बारे में पुलिस को पहले ही सूचित कर दिया था, बुलडोजर भी वहां (शाहीन बाग क्षेत्र) पहुंच गया था, लेकिन पर्याप्त पुलिस बल न होने से हमने आज का कार्यक्रम स्थगित कर दिया।
खबर थी कि 5 और 9 मई को शाहीन बाग इलाके में अवैध कब्जों को हटाने के लिए बुलडोजर की कार्रवाई होती, लेकिन सूत्रों ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने पर्याप्त बल उपलब्ध कराने में असमर्थता जाहिर कर दी, जिसकी वजह से आज के अभियान को टालना पड़ गया। एसडीएमसी ने बुधवार को शाहीन बाग सहित अपने अधिकार क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों से अवैध संरचनाओं और कब्जे को हटाने के लिए 10-दिवसीय कार्य योजना के तहत एक अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू किया है।
शाहीन बाग में दिसंबर 2019 में संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में लंबे समय तक धरना – प्रदर्शन चला था. यह धरना–प्रदर्शन कोविड महामारी के फैलने के बाद मार्च 2020 में समाप्त हुआ था। उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा के चार दिन बाद अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया था, जिसकी व्यापक आलोचना हुई थी। उच्चतम न्यायालय ने एनडीएमसी को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
