बायोलॉजिकल ई के कोविड-19 वैक्सीन कॉर्बेवैक्स को डीसीजीआई ने 18 साल या उससे अधिक लोगों के लिए बूस्टर खुराक के रूप में मंजूरी दे दी गई है। इसके पहले भारत के दवा नियामक ने अप्रैल के अंत में कॉर्बेवैक्स को 5 से 12 साल के बच्चों के लिए आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दी थी। वहीं अब कॉर्बेवैक्स को ‘हेट्रोलोगस’ के रूप में मंजूरी दी है। ‘हेट्रोलोगस’ का मतलब ये है कि जो लोग कोवैक्सीन या कोविशील्ड की दोनों डोज ले चुके हैं, वह अब कॉर्बेवैक्स वैक्सीन को बूस्टर खुराक (तीसरी डोज) के रूप में ले सकते हैं।
बायोलॉजिकल ई ने मई में निजी टीकाकरण केंद्रों के लिए कॉर्बेवैक्स के दाम कम किए हैं। दाम कम करने के पहले कॉर्बेवैक्स 840 रुपए प्रति डोज थी, जिसे 250 रुपए प्रति डोज कर दिया गया है, जिसमें जीएसटी भी शामिल है।
कोवैक्सीन या कोविशील्ड की दूसरी डोज लगवाने के 6 महीने बाद कॉर्बेवैक्स का बूस्टर खुराक लिया जा सकता है। बायोलॉजिकल ई की मैनेजिंग डायरेक्टर महिमा डाल्टा ने कहा इस मंजूरी से हम खुश हैं। कॉर्बेवैक्स भारत के कोविड-19 वैक्सीन के बूस्टर खुराक की जरूरतों को पूरा करेगा। यह मंजूरी कॉर्बेवैक्स की दुनिया भर में सतत सुरक्षा मानक और उच्च प्रतिरक्षण क्षमता को दर्शाती है।
कॉर्बेवैक्स की बूस्टर खुराक लगवाने के लिए कोविन पोर्टल के जरिए स्लॉट बुक पड़ेगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभी तक देशभर में 5.1 करोड़ कॉर्बेवैक्स की डोज बच्चों को दी जा चुकी है। वहीं 18 या उससे अधिक उम्र के लिए कंपनी की ओर से कहा गया है कि वह बूस्टर खुराक की सभी जरूरतों को पूरा करेगी।
