
अभी चीन 1.44 अरब की आबादी के साथ पहले स्थान पर है, जबकि दूसरे स्थान पर काबिज भारत की आबादी 1.39 अरब है। दुनिया की कुल आबादी में चीन की 19 फीसदी और भारत की 18 फीसदी हिस्सेदारी है। मगर साल 2023 तक भारत की आबादी बढ़कर चीन से ज्यादा हो जाएगी।
चीन और भारत दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं। अभी फिलहाल चीन इस मामले में पहले पायदान पर है, जबकि भारत उसके ठीक पीछे दूसरे स्थान पर काबिज है। अब बहुत दिनों तक ऐसी स्थिति नहीं रहने वाली है। संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अगले साल तक भारत सबसे अधिक आबादी के मामले में चीन को पीछे छोड़ कर पहले स्थान पर पहुंच जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र ने विश्व आबादी दिवस के मौके पर सोमवार को यह रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसा नवंबर 2022 के मध्य तक दुनिया की आबादी 8 अरब हो जाने के अनुमान हैं। महाद्वीपों के हिसाब से देखें तो अभी 4.7 अरब आबादी के साथ एशिया सबसे ऊपर है। पूरी दुनिया की आबादी में अकेले एशिया की 61 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके बाद अफ्रीका में 1.3 अरब लोग यानी 17 फीसदी आबादी निवास करती है। यूरोप में 75 करोड़ (10 फीसदी), लैटिन अमेरिका व कैरेबियाई देशों में 65 करोड़ (8 फीसदी), उत्तरी अमेरिका में 37 करोड़ और ओसिनीया में 4.3 करोड़ लोग रहते हैं।
वर्ल्ड पापुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स -2019 नाम से जारी रिपोर्ट के अनुसार अभी चीन 1.44 अरब की आबादी के साथ पहले स्थान पर है, जबकि दूसरे स्थान पर काबिज भारत की आबादी 1.39 अरब है। साल 2023 तक भारत की आबादी बढ़कर चीन से ज्यादा हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की आबादी साल 2019 से साल 2050 के दौरान 3.14 करोड़ (करीब 2.2 फीसदी। कम हो जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कई विकासशील देशों की जन्म दर में गिरावट आई है। हालांकि कुछ देशों में यह दर बढ़ रही है। रिपोर्ट के अनुसार भविष्य में आबादी बढ़ने में 50 फीसदी से ज्यादा योगदान महज 8 देशों का होगा। ये आठों देश एशिया और अफ्रीका के हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार आने वाले सालों में जिन आठ देशों की आबादी तेजी से बढ़ेगी, उनमें डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाईजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और तंजानिया शामिल हैं।
दुनिया की आबादी 1950 के बाद सबसे धीमी रफ्तार से बढ़ रही है। पूर्वानुमान के अनुसार दुनिया की आबादी साल 2030 तक 8.5 अरब हो जाएगी। साल 2050 तक दुनिया की कुल आबादी 9.7 अरब पर और 2080 के दशक में करीब 10.4 अरब पर पहुंच जाएगी। इसके बाद 2100 ईस्वी तक दुनिया की आबादी इसी स्तर पर बनी रहेगी।