डुप्लिकेट आधार बनाए जाने के मामले बढ़ गए हैं। ऐसे मामलों पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (उदय) ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है। इसके तहत 6 लाख नकली आधार कार्ड रद्द किए गए हैं।
डुप्लिकेट या नकली आधार कार्ड बनाने वाले देश में किस कदर सक्रिय हैं, इसका अंदाजा प्राधिकरण द्वारा रद्द किए गए आधार कार्ड की संख्या देखकर लगाया जा सकता है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक सवाल के जवाब में संसद में बताया कि अब तक प्राधिकरण ने 598,999 से ज्यादा डुप्लिकेट आधार कार्ड रद्द किए हैं। यह कार्रवाई लगातार जारी है। इस कार्रवाई के तहत आधार कार्ड से जुड़ी सेवा का दावा करने वाली करीब एक दर्जन फर्जी वेबसाइटों को उदय ने नोटिस भी भेजा है। उन्हें चेतावनी देते हुए किसी भी तरह की सेवा देने पर रोक लगा दी गई है।
राज्यमंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि नकली आधार कार्ड बनाने के मामले को गंभीरता से लिया गया है और इस पर लगाम लगाने के लिए कई जरूरी कदम उठाए गए हैं। इसके तहत आधार कार्ड में एक अतिरिक्त वेरिफिकेशन (सत्यापन) फीचर जोड़ा गया है। इसमें आधार वेरिफिकेशन के लिए जल्द व्यक्ति के चेहरे का इस्तेमाल होगा। अब तक वेरिफिकेशन के लिए फिंगरप्रिंट और आंखों का स्कैन लिया जाता था। फेस रेकिग्नेशन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को आधार के अलावा पेंशन वेरिफिकेशन के लिए भी लागू किया गया है। अब तक करीब एक लाख पेंशनधारकों को इस तकनीक से सत्यापित किया गया है।
