झालावाड़ जिले के कामखेड़ा थाना क्षेत्र में एक मां ने अपने 3 तीन के मासूम नवजात को पानी के गड्ढे में डुबो कर मार दिया। पुलिस के अनुसार थाना इलाके के मोगिया बेह गांव की रहने वाली कालूलाल लोधा की पत्नी रेखा लोधा की 20 जुलाई को मनोहरथाना चिकित्सालय में डिलीवरी हुई थी। उसने एक बच्चे को जन्म दिया था।
22 जुलाई को महिला के सास ससुर और रिश्तेदार अस्पताल से छुट्टी करवाकर रेखा को गांव ले आए। उसी दिन रात करीब एक बजे रेखा अपने 3 दिन के बच्चे को साथ ले गई और घर के पीछे जंगल में पानी भरे एक गड्ढे में फेंककर वापस आ गई। जंगल से लौटते समय घर के बाहर उसका देवर भगवान दास मिल गया। उसने जंगल में जाने के बारे में पूछा तो रेखा ने शौच का बहाना बनाया।
लेकिन शौचालय घर में होने के बावजूद जंगल जाने की बात पर संदेह होने पर बच्चे की तलाश की गई। महिला ने बच्चे को जंगली जानवर द्वारा उठा ले जाने की झूठी कहानी बनाई। महिला के ससुर रामचंद्र ने कामखेड़ा थाने में नवजात के गायब होने की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने रेखा से कड़ी पूछताछ की तो उसने अपने 3 दिन के नवजात बच्चे को जंगल के पानी भरे गड्ढे में फेंक देना बताया। पुलिस की मदद से परिजनों ने नवजात के शव को ढूंढ कर पानी के गड्ढे से बाहर निकाला और अकलेरा चिकित्सालय भेजा। जहां पोस्टमॉर्टम बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
पुलिस ने महिला को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। परिजनों ने बताया कि महिला को पुत्री की चाहत थी। पुत्री नहीं होने की वजह से शिशु की हत्या कर दी। दंपत्ति कालू और रेखा के एक 6 वर्षीय बालक पहले से है। 20 जुलाई को उसने दूसरे बच्चे को जन्म दिया था। जानकारी के अनुसार पति कालूलाल रीट की परीक्षा देने के लिए कोटा गया हुआ था।
जानकारी के अनुसार 8 साल पहले 2014 में रेखा और कालूलाल की शादी हुई थी, जिससे उनका 6 साल का बेटा है। पति अकलेरा में रहकर रीट परीक्षा की तैयारी कर रहा था, जिसके चलते वह महिला की डिलवरी के समय अस्पताल नहीं पहुंच सका था।
