
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट बढाने के साथ ही देश की जीपीडी ग्रोथ के अनुमान को बदलाव नहीं किया है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में ग्रोथ 7.2 फीसदी ही रहेगी। इससे पहले समझा जा रहा था महंगाई और वैश्विक बाजारों के दबाव के चलते विकास दर के अनुमान में कुछ बदलाव किया जा सकता है। लेकिन गवर्नर दास ने मौद्रिक नीतियों और देश के आर्थिक सुधारों पर भरोसा कायम रखते हुए विकास दर अनुमान को पहले की ही तरह स्थिर रखा है।
उन्होंने कहा कि कई संकटों से उबरने के बाद भारत का विकास अब तेज गति से बढ़ेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल-जून 2022 के बीच जीडीपी ग्रोथ 16.2 फीसदी रह सकती है। जुलाई से सितंबर तक की तिमाही में यह 6.2 फीसदी की दर पर रहने की संभावना है। अक्टूबर से दिसंबर 2022 तिमाही में 4.1 फीसदी और जनवरी से मार्च 2023 वाली तिमाही में 4.0 फीसदी रहने की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने जुलाई 2022 के अंत में चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के विकास के अनुमान को 80 आधार अंकों से घटाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया था। इंडस्ट्री चैंबर फिक्की ने उससे पहले भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान में कटौती की थी। फिक्की ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7.4 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है।