भारत जोड़ो यात्रा को राजस्थान में घुसने नहीं देने की गुर्जर नेता विजय बैंसला की धमकी का असर दिखने लगा है। बैंसला को सरकार ने सोमवार को बातचीत के लिए सचिवालय बुलाया है।
सरकार चाहती है कि राहुल गांधी की यात्रा आने से पहले गुर्जरों से 2019 और 2020 में हुए समझौतों के बकाया बिंदुओं पर निर्णय हो जाए। सोमवार सुबह 10 बजे सचिवालय में होने वाली बैठक में विजय बैंसला सहित एमबीसी वर्ग के 17 नेता मौजूद रहेंगे।
सरकार की तरफ से इस बैठक में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव, खेल व युवा राज्य मंत्री अशोक चांदना और देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष जोगिंदर अवाना गुर्जर नेताओं से बातचीत के लिए अधिकृत किए गए हैं। ये चारों नेता गुर्जरों को यात्रा का विरोध नहीं करने के लिए मनाएंगे।
गुर्जरों की तरफ से मुख्य मांग है कि सरकार ने जो 2019 और 2020 में समाज के साथ समझौते किए थे, उनको अक्षरश: लागू किया जाए। समझौते के कई बिंदुओं पर अभी भी कार्रवाई होनी बाकी है। इनमें से मुख्य रूप से आंदोलन के दौरान गुर्जरों पर दर्ज हुए केसों के निस्तारण के साथ-साथ देवनारायण योजना में बच्चों की रुकी हुई छात्रवृत्ति जारी करने, अलग-अलग भर्तियों में 233 और 372 युवाओं को नौकरी देने, प्रक्रियाधीन भर्तियों और बैकलॉग को पूरा करने संबंधी मांगे शामिल हैं।
सोमवार की बैठक में विजय बैंसला के अलावा भूरा भगत, एडवोकेट हनुमान गुर्जर, एडवोकेट वीरेंद्र धाभाई, सुवालाल गुर्जर, वेदप्रकाश, अमराराम देवासी, रामराज भोपर, पिंटू गोटन, इंद्रजीत गुर्जर, लोकेंद्र चावड़ी, महावीर रलावाता, हनुमान सिराधना समेत एमबीसी वर्ग के 17 नेता शामिल होंगे।
राहुल गांधी की यात्रा झालावाड़ से प्रवेश करके कोटा, बूंदी, टोंक, सवाईमाधोपुर, दौसा और अलवर होते हुए राजस्थान से बाहर निकलेगी। यात्रा के मार्ग में आने वाले ज्यादातर इलाके गुर्जर बहुल हैं। ऐसे में सरकार को डर है कि अगर गुर्जरों से हुए समझौतों को समय पर लागू नहीं किया तो राहुल की यात्रा का गुर्जर समाज विरोध कर सकता है। विजय बैंसला करीब 15 दिन पहले यह घोषणा कर चुके हैं कि अगर समझौते को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया तो हम राहुल गांधी की यात्रा को राजस्थान में घुसने नहीं देंगे। इस चेतावनी के बाद वे लगातार उन इलाकों में सक्रिय हैं, जहां से राहुल गांधी की यात्रा गुजरेगी। हाल ही उन्होंने दौसा, झालावाड़ और कोटा में समाज के लोगों के साथ बैठक के बाद यात्रा का विरोध करने की अपनी चेतावनी को फिर दोहराया था।
