कोटा में मेडिकल की पढ़ाई करने आई दो छात्राएं होस्टल से बिना बताए निकल गईं। एक छात्रा अक्सर मोबाइल पर व्यस्त रहती थी। बिहार से कॉल करने पर पिता को हरवक्त बेटी का फोन व्यस्त मिलता था। इस पर पिता ने बेटी को कॉल डिटेल निकलवाने की बात कही, जिस पर छात्रा इतनी डरी की सिम निकालकर फेंक दी। फिर साथ रहने वाली अपनी चाचा की लड़की के साथ हॉस्टल से निकल गईं।
जब छात्राएं नहीं मिली तो हॉस्टल संचालक ने विज्ञाननगर थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। परिजनों को सूचना दी। छात्रा के पिता रेलवे में अधिकारी हैं। उन्होंने राजस्थान में रेलवे स्टेशन पर अधिकारियों से सम्पर्क किया। बेटी के हॉस्टल से गायब होने की सूचना दी। दूसरे दिन अजमेर जीआरपी ने दोनों छात्राओं को पकड़ कर कोटा पुलिस को सौंपा। पुलिस ने बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। जहां से दोनों को बालिका गृह में अस्थाई आश्रय दिलाया है।
बाल कल्याण समिति रोस्टर सदस्य मधुबाला शर्मा ने बताया कि दोनों छात्राएं बिहार की रहने वाली है। दोनों 16 साल की हैं। 11वीं में पढ़ती है। पिछले 6 महीने से कोटा में विज्ञाननगर इलाके हॉस्टल में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रही हैं। एक के पिता रेलवे में अधिकारी है, जबकि दूसरी छात्रा की मां रेलवे में काम करती हैं। काउंसलिग में छात्रा ने बताया कि वो कोटा से बिहार अपने गांव जाना चाहती थी।
मधुबाला शर्मा ने बताया कि 26 नवंबर शाम साढ़े 5 बजे दोनों बिना बताए हॉस्टल से निकल गई। बस में बैठकर झालावाड़ चली गई। झालावाड़ में उन्हें एक युवक मिला, जो उनकी मेस में काम करता है। उसने वापस हॉस्टल जाने को कहा। फिर तीनों रात में बस में बैठकर कोटा आ गए। उसके बाद बिहार जाने के लिए के लिए अजमेर चले गए। अजमेर से बिहार के लिए गाड़ी जाती है। अजमेर रेलवे स्टेशन पर जीआरपी ने उन्हें पकड़ कर कोटा पुलिस को सुपुर्द किया। मधुबाला शर्मा ने बताया कि बालिकाओं के 164 के बयान होने है। संरक्षण की आवश्यकता होने पर उन्हें बालिका गृह में अस्थाई आश्रय (शेल्टर) में भेजा है।
कोटा में करीब एक महीने पहले भी एक केस सामने आया था। फेसबुक पर 19 साल के अरमान उर्फ अरबाज ने प्रिंस बनकर 17 साल की नाबालिग से दोस्ती की। युवक ने लड़की को बताया कि उसके पिता बड़े बिजनेसमैन हैं। तीन साल तक दोनों फोन पर बात करते रहे। लड़की युवक की बातों में आ गई और उसके साथ चली गई। 4 दिन बाद लड़की लौटी और उसके बताए नंबर से लड़के के हिस्ट्री खंगाली तो पूरा मामला सामने आया। घटना कोटा के बोरखेड़ा थाना इलाके की थी। कोटा के ही महावीर नगर थाना क्षेत्र से एक नाबालिग ने माता पिता की डांट परेशान होकर घर छोड़ दिया था। उसने पड़ोस में रहने वाले दोस्त को फोन कर बुलाया। युवक के नहीं आने पर ट्रेन में बैठकर उज्जैन चली गई थी। वहां उसकी मुलाकात एक लड़की से हुई थी। उसके साथ 7-8 महीने रही। इधर परिजनों ने थाने में गुमशुदी दर्ज करवाई थी।
