मोदी सरकार चालू वित्तीवर्ष में उर्वरक पर सब्सिडी का दायरा बढ़ाकर 2.3 से 2.5 लाख करोड़ रुपये कर सकती है, लेकिन अगले वित्त वर्ष में इसमें 25 फीसदी की बड़ी गिरावट आ सकती है। फर्टिलाइजर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएआई) ने बताया है कि 2023-24 में ग्लो बल मार्केट में खाद की कीमतों में नरमी आने की वजह से सरकार की सब्सिडी भी कम हो सकती है।
एफएआई ने कहा है कि सरकार की सब्सिडी के बावजूद उद्योंगों को बहुत कम मार्जिन मिल रहा है और ग्लोाबल मार्केट में कीमतें बढ़ने की वजह से घरेलू बाजार में खाद के खुदरा दाम पर भी लगातार दबाव है। यही कारण है कि इस सेक्टीर में निवेश भी तेजी से कम होता जा रहा है। मौजूदा रबी सीजन के लिए देश में पर्याप्त मात्रा में खाद है और यूरिया, डीएपी जैसे फर्टिलाइजर्स की कोई कमी नहीं है। एफएआई के अध्य्क्ष केएस राजू ने बताया कि चालू वित्तलवर्ष की खाद सब्सिडी 2.5 लाख करोड़ रुपये तक जा सकती है।
वहीं, एफएआई के बोर्ड सदस्य2 पीएस गहलोत ने कहा, अगले साल फर्टिलाइजर्स सब्सिडी में 25 फीसदी की बड़ी गिरावट आ सकती है। यह मौजूदा सब्सिडी के लिहाज से करीब 65 हजार करोड़ रुपये होगा। इसकी वजह है ग्लोयबल मार्केट में कच्चेक माल और फर्टिलाइजर्स की कीमतों में आ रही नरमी. हालांकि, यह वायदा बाजार में होने वाले कारोबार पर निर्भर करेगा।
