कोचिंग सिटी कोटा में तीन छात्रों ने तनाव के कारण खुदकुशी की थी। तीनों छात्र प्रमुख कोचिंग संस्थान-एलन इंस्टीट्यूट में पढ़ते थे। शुरुआती जांच में सामने आया कि ये बच्चे पढ़ाई के दबाव की वजह से तनाव में चले गए थे। ये बच्चे कुछ दिनों से कोचिंग सेंटर भी नहीं जा रहे थे। ये खुलासा नहीं हो पाया है कि वे कितने दिन से कोचिंग नहीं जा रहे थे।
दोस्तों और हॉस्टल से मिली जानकारी के अनुसार बच्चे क्लास और टेस्ट मिस कर रहे थे। सुसाइड करने वाले दो छात्रों के परिजन कोटा पहुंच गए हैं। एक छात्र की बहन और दूसरे छात्र के दोस्त महाराव भीम सिंह अस्पताल की मॉर्च्युरी पर मौजूद रहे।
शुरुआती जांच में तीनों छात्रों के कोचिंग नहीं जाने की बात सामने आई है। वे लगातार अनुपस्थित चल रहे थे। जवाहर नगर थाना क्षेत्र में दो कोचिंग छात्र कृष्ण कुंज पीजी हॉस्टल में रहते थे। हॉस्टल के संचालक को भी छात्रों के कोचिंग से बंक मारने की जानकारी नहीं थी। इसको लेकर एसपी सिटी ने भी हॉस्टल संचालक से नाराजगी जताई।
सुसाइड करने वाले छात्र अंकुश का दोस्त प्रिंस उसी इलाके के हॉस्टल में रहता है। दोनों सुबह साथ में खाना खाने जाते थे। प्रिंस ने बताया कि सुबह 11 बजे अंकुश को कई बार फोन किया था, उसने नहीं उठाया। दोस्त को लेकर अंकुश के हॉस्टल पहुंचा। अंदर से लॉक लगा हुआ था। खिड़की से देखा तो वो फांसी पर लटका मिला।
अंकुश का दीपावली से पहले एक्सीडेंट हुआ था। वो स्कूटी से गिरा था। 15 दिन पहले ही बिहार से कोटा लौटा था। वो रोज शाम साढ़े 5 बजे अपने घर पर बात करता था। बिहार के सिमराही में उसका ननिहाल है। वहां उसकी दोस्त रहती है। अंकुश उससे भी अक्सर बात किया करता था।
उज्ज्वल के दोस्त ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि उज्ज्वल परिवार में इकलौता था। कक्षा 9वीं से कोटा में रहता था। अभी 11वीं में पढ़ रहा था। अपनी इच्छा से पढ़ाई के लिए कोटा आया था। उसकी बहन पहले से यहां कोचिंग कर रही है। पुलिस अंकुश का शव उतार रही थी, तभी उज्ज्वल की बहन भी हॉस्टल पहुंची। भाई ने दरवाजा नहीं खोला तो हॉस्टल में मौजूद पुलिस को सूचना दी। तभी उज्जवल का भी शव मिला।
दोस्त ने बताया, उज्ज्वल पढ़ाई में अच्छा था। हाल ही में उसने कोचिंग का एक टेस्ट मिस किया था। ये बात उसने पिता को बताई तो उसे डांट पड़ी थी। रविवार रात को उज्ज्वल ने बीयर पी थी। उसे गुस्सा आ रहा था। गुस्से में वो वापस घर जाने की बात कर रहा था। मैं रात 11 बजे तक साथ था। फिर अपने अपने हॉस्टल में जाकर सो गया। सुबह उसके सुसाइड की जानकारी मिली।
मृतक उज्ज्वल के बचपन के दोस्त विपुल ने बताया- घटना के एक दिन पहले उसकी जवाहर नगर पुलिया पर उज्ज्वल से बात हुई थी। हंसी मजाक की बातों के बाद वो अपने हॉस्टल चला गया। मैं अपने हॉस्टल आ गया। सोमवार को उज्ज्वल की बहन खुशी का फोन आया था। इसके बाद मौके पर पहुंचा। हॉस्टल के बाहर भीड़ लगी थी। पुलिस की गाड़ियां खड़ीं थीं। ऊपर जाकर देखा तो रूम में उज्ज्वल फांसी पर लटका हुआ था।
सुसाइड करने वाला तीसरा स्टूडेंट प्रणव वर्मा (17) मेडिकल की तैयारी कर रहा था। दो साल से कोटा में रह रहा था। अप्रैल से कुन्हाड़ी में लैंडमार्क सिटी स्थित हॉस्टल में रहता था। रविवार शाम को खाना खाया था। फिर अपने रूम में चावल लेकर गया। रात को करीब 9 बजे उसने परिवार से फोन पर बात की। इसके बाद उसने कब जहर खाया, किसी को पता नहीं चला।
रात डेढ़ बजे हॉस्टल में रहने वाला दूसरा छात्र पानी भरने बाहर आया तो प्रणव गैलरी में अचेत पड़ा था। उसे हॉस्टल संचालक सहित अन्य को बताया। उसे इलाज के लिए निजी हॉस्पिटल लाए। डॉक्टर ने उसे मृत घोषित किया। पुलिस के अनुसार प्रणव के कमरे से चूहे मारने की दवा मिली है। पुलिस ने रूम को सील किया है।
इन तीनों सुसाइड में एक बात सामने आ रही है। तीनों ने सुसाइड से पहले परिजनों से बात की। हालांकि इस बारें में आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई, लेकिन तीनों ने परिजनों से बातचीत में तनाव का कोई ज्रिक नहीं किया। उज्ज्वल और अंकुश बिहार के रहने वाले थे। तलवंडी इलाके के हॉस्टल की दूसरी मंजिल पर दोनों के कमरे थे। दोनों के कमरे भी पास-पास थे। दोनों ने एक दिन सुसाइड किया। इस घटना से सवाल उठ रहा है कि कहीं ये प्लांड सुसाइड तो नहीं है?
