नशीली दवाओं के मामले में शिकायतकर्ता से दो करोड़ की रिश्वत मांग कर परेशान करने के मामले में 16 जनवरी को गिरफ्तार की गई एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को मंगलवार को अजमेर एसीबी कोर्ट में पेश किया गया। जयपुर एसीबी की ओर से 4 दिन का रिमांड मांगा गया था। जज ने 3 दिन का रिमांड दिया। अब जयपुर एसीबी रिमांड के दौरान मित्तल से बर्खास्त कॉन्स्टेबल सहित अन्य बरामदगी को लेकर पूछताछ करेगी।
जयपुर एसीबी दिव्या मित्तल को 3.48 बजे अजमेर एसीबी कोर्ट लेकर पहुंची। कोर्ट में पेशी से पहले एसीबी की की गिरफ्त में दिव्या मित्तल मुस्कराते हुई दिखी। उनके चेहरे पर कोई शिकन नजर नहीं आई। कोर्ट आए अपने भाई से भी बात करती रही।
कोर्ट में जयपुर एसीबी द्वारा न्यायधीश से 4 दिन का रिमांड मांगा गया था। इस दौरान गिरफ्तार दिव्या मित्तल के बचाव पक्ष के वकील प्रीतम सिंह सोनी के द्वारा रिमांड का विरोध किया गया। बाद में जज ने दिव्या मित्तल 20 तारीख तक रिमांड पर लेने के आदेश दिए।
बचाव पक्ष के वकील प्रीतम सिंह सोनी के अनुसार मामले में नशीली दवा प्रकरण में रामगंज में दो और अलवर गेट में एक प्रकरण दर्ज है। सभी मामलों की जांच एसओजी एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल कर रही है। ड्रग माफियाओं ने उन्हें जांच से हटाने के लिए साजिश पूर्वक फंसाया है। रिमांड की कोई जरूरत नहीं है। उनसे मोबाइल और अन्य चीजें बरामद करने का कारण बताते हुए एसीबी ने रिमांड देने की प्रार्थना की है। लेकिन बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि इसकी कोई जरूरत नहीं है।
माना जा रहा है कि एसओजी के किसी अधिकारी का रिश्वत में इतनी बड़ी रकम मांगने का यह पहला मामला है। इतनी बड़ी अधिकारी को ट्रैप करना भी आसान नहीं था। दिव्या ने मादक पदार्थ तस्करी के मामले में हरिद्वार की फार्मा कंपनी के मालिक काे गिरफ्तार नहीं करने की एवज में बर्खास्त पुलिसकर्मी सुमित कुमार के माध्यम से यह घूस मांगी थी।
