हरियाणा में पानीपत जिले के दमकल विभाग में तैनात फायरमैन सुनील मेहला ने तिरंगे के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। शहर के भारत नगर की एक स्पिनिंग मिल में आग लग गई थी। आग के बीच मिल के मेन गेट की छत पर तिरंगा लहरा रहा था।
जैसे ही सुनील की नजर तिरंगे पर पड़ी। वह अपनी जान की परवाह किए बिना छत पर चढ़ गए और कुछ ही देर में तिरंगा सुरक्षित तरीके से उतारा और सम्मान समेत पड़ोस की फैक्ट्री में रख दिया।
घटना के बारे में खुद फायरमैन सुनील मेहला ने बताया, हमें शुरुआत से ही ट्रेनिंग दी जाती है कि जब भी कही आगजनी की घटना हो, तो उस क्षेत्र को चारों तरफ से देखते रहना चाहिए। कहीं आग फैलती हुई किसी दूसरी जगह तो नहीं गई। बस, इसीलिए मेरी नजर तिरंगे पर गई। मेरे भी दिमाग में उस वक्त यही था कि मैं किसी भी तरह आग के बीच में भी लहरा रहे तिरंगे को सम्मान के साथ उतार लाऊं। बेशक इसके लिए मुझे जान की बाजी भी क्यों न लगानी पड़े। उन्होंने बताया, मैं दमकल गाड़ी चला रहा था। तिरंगे वाली छत से कुछ ही कदमों की दूरी पर गाड़ी खड़ी थी। मैं पहले उस गाड़ी को मेन गेट तक लेकर आया और उसे छत के नीचे दीवार से सटाई। इसके बाद साथी कर्मियों को बैकअप के लिए तैयार किया। जोश ऐसा था कि मैं कुछ ही सेकेंड में छत पर चढ़ गया और तिरंगा तुरंत उतार कर नीचे आ गया। तिरंगा उतारने के बाद मैंने नीचे खड़े साथियों को पकड़ाया। इसके बाद मैं नीचे आया। सम्मानपूर्वक तिरंगे को पड़ोस की फैक्ट्री में ले जाकर तिरंगे को पूरे सम्मान के साथ रखा। मैंने यह सब तिरंगे के सम्मान में किया है। मैंने कोई फेमस होने के लिए नहीं किया। मगर ऐसा करने के बाद मुझे अंदरूनी तौर पर बहुत खुशी हो रही है।
