आसाराम को फिर उम्रकैद की सजा

सूरत की एक महिला से रेप के मामले में 81 साल के आसाराम को मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। गुजरात के गांधीनगर सेशन कोर्ट ने आसाराम को सोमवार को दोषी करार दिया था। इससे पूर्व जोधपुर कोर्ट ने 25 अप्रैल 2018 को यूपी की एक नाबालिग से रेप के मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। तब से वह जोधपुर की जेल में बंद है।

10 साल से जेल में बंद आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म का यह मामला 22 साल पुराना है। तब अक्टूबर 2013 में अहमदाबाद के चांदखेड़ा थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। एफआईआर के अनुसार महिला के साथ अहमदाबाद शहर के बाहर बने आश्रम में 2001 से 2006 के बीच कई बार दुष्कर्म किया गया। महिला तब आसाराम के आश्रम में थी। मामले में पुलिस ने जुलाई 2014 में चार्जशीट दाखिल की थी।

इस केस में आसाराम की पत्नी समेत 6 अन्य आरोपी थे। कोर्ट ने आसाराम को दोषी माना। आरोपियों में से एक की मौत हो गई। बाकी 5 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। सरकारी वकील आर.सी. कोड़ेकर ने बताया कि आसाराम को धारा 342, 357, 376, 377 के तहत सजा सुनाई गई। कोर्ट ने पीड़ित को 50 हजार रुपए मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।

दो बहनों में से छोटी ने आसाराम के बेटे नारायण साईं और बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ रेप की शिकायत दर्ज कराई थी। बड़ी बहन की शिकायत गांधीनगर ट्रांसफर होने के कारण आसाराम पर गांधीनगर में मुकदमा चला, जिसमें सोमवार को कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दिया है। पीड़िता के अनुसार आसाराम ने उसके साथ गुरु पुर्णिमा के दिन दुष्कर्म किया था। आसाराम ने इसी दिन उसे वक्ता के रूप में चुना था। इसके बाद आसाराम के फार्म हाउस शांति वाटिका में उसे बुलाया गया। आश्रम का एक अन्य व्यक्ति उसे फार्म हाउस ले गया। जहां आसाराम ने हाथ-पैर धोकर उसे कमरे के अंदर बुलाया।

बाद में पीड़िता से एक कटोरी घी मंगवाने को कहा। इसके बाद आसाराम ने सिर की मालिश करने को कहा। मालिश करते समय ही आसाराम ने गंदी हरकतें करनी शुरू कर दी। उसने भागने की कोशिश की, लेकिन आसाराम ने उससे मारपीट की। इसके बाद आसाराम ने जबरन दुष्कर्म के बाद अप्राकृतिक दुष्कर्म भी किया।

गवाहों पर हमले—28 फरवरी, 2014 को एक पीड़ित बहन के पति पर जानलेवा हमला किया गया था। इसके 15 दिन बाद आसाराम के वीडियोग्राफर राकेश पटेल पर भी जानलेवा हमला किया गया। हमले के कुछ दिनों बाद सूरत के एक कपड़ा मार्केट में गवाह दिनेश भगनानी पर तेजाब फेंक दिया गया। ये तीनों गवाह हमले में बच गए थे। 23 मार्च 2014 को एक गवाह अमृत प्रजापति को गोली मार दी गई। 17 दिनों के इलाज के बाद अमृत की मौत हो गई।

जनवरी 2015 में एक अन्य गवाह अखिल गुप्ता की मुजफ्फरनगर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एक महीने बाद, आसाराम के निजी सहायक के रूप में काम करने वाले राहुल सचान पर हमला किया गया। जोधपुर कोर्ट में गवाही देने पहुंचे राहुल पर कोर्ट परिसर में जानलेवा हमला किया गया। वह हमले में तो बच गए, लेकिन 25 नवंबर 2015 को लापता हो गए और तब से उनका कोई पता नहीं चला है।

गवाहों पर हमलों का सिलसिला जारी रहा और 13 मई 2015 को पानीपत में महेंद्र चावला पर हमला किया गया। हालांकि, हमले में महेंद्र की जान बच गई थी। इसके तीन महीने बाद एक अन्य गवाह 35 वर्षीय कृपाल सिंह की जोधपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कृपाल सिंह ने जोधपुर कोर्ट में पीड़िता के पक्ष में गवाही दी थी।

आसाराम पर अन्य मामले—जुलाई 2008: मोटेरा में 10 साल के अभिषेक वाघेला और 11 साल के दीपेश वाघेला की अधजली और क्षत-विक्षत लाशें मिलीं, जिसमें आसाराम को मामले में क्लीन चिट मिल गई।  अगस्त 2013: जोधपुर की छात्रा से रेप, आसाराम को उम्रकैद की सजा। उधर सूरत की लड़की ने चांदखेड़ा थाने में रेप की शिकायत दर्ज कराई, आसाराम दोषी पाया गया, आज सजा सुनाई गई। जोधपुर में नाबालिग से दुष्कर्म के दो और मामले सामने आए हैं। इनमें फैसला आना बाकी है।  नवंबर 2014: आसाराम समेत पांच के खिलाफ जोधपुर में उदयमंदिर पुलिस को जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज। फैसला आना बाकी है।  फरवरी 2017: जोधपुर में जमानत के लिए फर्जी दस्तावेज देने का मामला सामने आया, जिसमें आसाराम पर एक लाख का जुर्माना लगाया गया।

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