राजस्थान में दो करोड़ की रिश्वत मामले में गिरफ्तार की गई एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल ने कोर्ट में वॉयस सैम्पल देने से मना कर दिया है। एसीबी के प्रार्थना पत्र पर बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि वॉयस सैम्पल के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। ऐसे में कोर्ट ने एसीबी के प्रार्थना पत्र को खारीज कर दिया है।
बचाव पक्ष के वकील प्रीतम सिंह सोनी ने बताया कि 10 फरवरी 2023 को एसीजेएम-1 कोर्ट ने एसीबी के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिव्या मित्तल को 17 फरवरी को वॉयस सैम्पल देने के आदेश दिए थे। शुक्रवार को मामले में सुनवाई के दौरान दिव्या मित्तल को कोर्ट में पेश किया। इस दौरान रिकॉल अर्जी लगाई गई। साथ ही प्रार्थना पत्र लगाकर हाईकोर्ट के फैसलों को पेश किया। इसमें बताया गया कि आरोपी को वॉयस सैम्पल के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने दिव्या मित्तल का पक्ष सुना तो उसने भी नियमों का हवाला देते हुए कहा कि किसी को सैम्पल देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता और वह सैम्पल नहीं देना चाहती। इसपर कोर्ट ने एसीबी की अर्जी खारिज कर दी।
बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि शुक्रवार को दिव्या मित्तल की न्यायिक हिरासत भी पूरी हुई। इसको लेकर भी कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने न्यायिक हिरासत की अवधि 3 मार्च तक बढ़ा दी गई है। मामले में दिव्या द्वारा हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई है, जिसकी सुनवाई होना बाकी है।
