संजीवनी घोटाले को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने आज केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ उनके परिवार को भी घसीट लिया। अब तक का सबसे बड़ा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस घोटाले में इनके परिवार के लोग भी शामिल हैं। गजेंद्र सिंह के पिता, इनकी माता जी, पत्नी औऱ साले, पांचों लोग उसमें शामिल हैं। इनकी माता जी का निधन हो गया है। इस मामले में लगभग 50 आरोपी हैं।
गहलोत आज सचिवालय में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, जिस व्यक्ति के ऊपर भयंकर आरोप हैं, प्रधानमंत्री ने ऐसे आदमी को मंत्री बना रखा है। प्रधानमंत्री उनकी जांच करें। संजीवनी घोटाले के पीड़ितों में 80 परसेंट राजपूत हैं, मैंने भगवान सिंह रोलसाबसर से बात की है, वे गजेंद्र सिंह शेखावत के गुरु हैं। मैंने कहा भगवान सिंह जी इसे समझाओ कि पैसा वापस लौटाए। विदेशों के अंदर पता नहीं कितना पैसा लगा रखा है? इथियोपिया, ऑस्ट्रेलिया और भी पता नहीं कितने देशों में गजेंद्र सिंह का पैसा लगा हुआ है। केंद्रीय मंत्री को यह बात साफ करनी चाहिए। क्यों नहीं वह ईडी को जांच दिलवा रहे।
संजीवनी मामले की जांच सीबीआई को देने के सवाल पर गहलोत ने कहा कि सीबीआई तो गजेंद्र सिंह और इन लोगों की जेब में है। गजेंद्र सिंह को एसओजी के पास जाना चाहिए और कहना चाहिए कि मुझे गिरफ्तार कर लीजिए। इससे पहले हमारी सरकार गिरा रहे थे, यह भी एक मुख्य किरदार थे। वह वॉयस सैंपल दे नहीं रहा। कोर्ट से बार-बार रिलीफ ले रहा है।
गहलोत ने कहा- इस मामले में प्रोपर्टी अटैच करने के अधिकार एसोजी के पास न होकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पास हैं। एसओजी ने पिछले दो साल में ईडी को 5 बार संजीवनी सोसाइटी से जुड़ी प्रोपर्टी अटैच करने का आग्रह किया है। इसके बावजूद देशभर में विपक्षी नेताओं के घर छापे मारने वाली ईडी ने अभी तक संजीवनी घोटाले के आरोपियों की प्रोपर्टी तक अटैच नहीं की है।
बताते चलें कि दो दिन पहले गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत पर हमला बोलते हुए उन पर राजनीतक हत्या करने के लिए चरित्र हनन करने का आरोप लगाया था। फिर गहलोत ने गजेंद्र सिंह पर पलटवार करते हुए दावा किया कि संजीवनी घोटाले के बाकी दोषियों की तरह ही गजेंद्र सिंह के खिलाफ भी जुर्म साबित हो चुका है।
