राजस्थान के पूर्वी हिस्सों में आज भी बारिश-ओलावृष्टि का दौर जारी रहा। दौसा, अलवर, सवाईमाधोपुर, टोंक, भरतपुर, करौली, जयपुर में कहीं-कहीं बारिश के साथ ओले गिरे।
कल बुधवार को भी राजस्थान के 10 से ज्यादा जिलों में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। जयपुर में मार्च के महीने में सात साल में सबसे ज्यादा बारिश हुई। इससे फसलों को भारी नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में नुकसान का आंकलन करवाने के लिए विशेष गिरदावरी करवाने के निर्देश दिए हैं।
अगले सप्ताह किसानों पर फिर से मौसम की मार पड़ने की आशंका है। मौसम विभाग के अनुसार 13-14 मार्च से एक नया सिस्टम एक्टिव होगा, जिससे राज्य में बारिश होने की संभावना है।
मौसम केंद्र, जयपुर की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान जयपुर, बारां, डूंगरपुर, झालावाड़, टोंक, सिरोही समेत कई जिलों में बारिश के साथ ओले गिरे। बारिश और ओले गिरने से मौसम में हल्की ठंडक बढ़ गई। कई जिलों में गेहूं, जौ, सरसों, चना की फसल खराब हो गई।
जयपुर में आज देर शाम मौसम में बदलाव के साथ तेज बारिश हुई। शहर के अलावा आमेर, सांगानेर, कोटखावदा, चाकसू, जोबनेर, विराटनगर, जमवारामगढ़, आंधी, तूंगा, बस्सी में भी बारिश हुई। जयपुर में कलेक्ट्रेट और परकोटा एरिया में 10 एमएम तक बरसात दर्ज हुई। सांगानेर एयरपोर्ट के आसपास 7 एमएम बारिश हुई। बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान झालावाड़, बारां, बीकानेर, सिरोही, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, टोंक और जयपुर जिले के आसपास के क्षेत्र में हुआ है।
