राजस्थान के करौली जिले के दो बेटे कुलदीप सिंह गुर्जर और अशोक गुर्जर उत्तर प्रदेश के मेरठ में भारतीय सेना के युद्धाभ्यास के दौरान शहीद हो गए। इसकी सूचना जैसे की उनके पैतृक गांवों में पहुंची, वहां शोक की लहर दौड़ गई। शहीदों की पार्थिव देह शनिवार को दोपहर तक उनके गांव पहुंची।
जानकारी के अनुसार दोनों शहीद करौली की तिघरिया ग्राम पंचायत के हैं। इनमें कुलदीप सिंह गुर्जर मोडान का पुरा के रहने वाले थे। वहीं अशोक गुर्जर महमदपुर गांव के रहने वाले थे। कुलदीप सिंह गुर्जर भारतीय सेना की 6 राजपूत रेजीमेंट में थे, जबकि अशोक गुर्जर जाट रेजीमेंट में थे। दोनों शुक्रवार को मेरठ में भारतीय सेना के युद्धाभ्यास के दौरान घायल हो गए थे। उनको मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
कुलदीप गुर्जर (30) की पार्थिव देह आज दोपहर 2 बजे उनके पैतृक गांव से 3 किलोमीटर दूर देवलने मोड़ पहुंची। जहां से तिरंगा यात्रा के साथ उनके गांव पहुंची। तिरंगा यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए।
युद्धाभ्यास के दौरान शहादत देने वाले कमांडो कुलदीप गुर्जर (30) की तीन पीढ़ियां सेना में देश सेवा कर चुकी हैं। कुलदीप के पिता वृंदावन सिंह आर्मी में हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनके दादा राजन सिंह भी सेना में रहकर देश सेवा कर चुके हैं। कुलदीप के पिता वृंदावन सिंह ने बताया कि गुरुवार शाम को ही उनकी कुलदीप से फोन पर बात हुई थी। वह अपनी मां के बारे में पूछ रहा था। शहीद कुलदीप वर्ष 2010 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही एक निजी स्कूल से हासिल की थी। उनके तीन संतानें हैं. इनमें बेटी खुशबू (12), दीक्षा (10) और बेटा मन्नू (4) है।
