चालू वित्त 2022-23 की समाप्ति में अब दो ही दिन शेष बचे हैं। ऐसे में सरकारी विभागों में भुगतान लेने वालों की कतारें लग रही हैं। वैसे तो विभिन्न विभागों की लेखा शाखाएं सालभर के अटके बिल 31 मार्च तक क्लीयर करने में जुटी हैं, लेकिन राजस्थान सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग (डीआईपीआर) के वित्त सलाहकार सुभाषचंद्र दानोदिया अपनी ही स्टाइल में काम कर रहे हैं। वे पार्टियों को भरोसे की गोली दिए जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार जो भी मीडिया ग्रुप के प्रतिनिधि अपने बिलों की जानकारी लेने आ रहे हैं, दानोदिया उन्हें 24 घंटे के भीतर भुगतान हो जाने का भरोसा दे रहे हैं। यह सिलसिला करीब पखवाडे भर से चल रहा, बताते हैं। जिनको हफ्ते-दस दिन पहले बिल की राशि 24 घंटे के भीतर उनके बैंक में क्रेडिट होने का आश्वासन दिया गया था, वो आज बुधवार को भी डीआपीआर कार्यालय के चक्कर लगाते नजर आए।
एफए दानोदिया ने एक यात्रा बिल का भुगतान तो पांच मिनट के अंदर करने की बात कही, लेकिन पांच दिन बीत जाने के बाद भी वो पार्टी बैंक में पैसे क्रेडिट होने का इंताजार कर रही है। आश्चर्य की बात ये है कि इतने अहम पद पर बैठे अधिकारी द्वारा मीडिया प्रतिनिधियों को लगातार बरगलाए जाने के बावजूद उनपर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इस मामले में डीआईपीआर के आला अधिकारी भी कुछ करने की स्थिति में नहीं दिखते हैं। उनका कहना है कि एफए, लेखा सेवा के अधिकारी होने से उनपर विभाग का सीधा नियंत्रण नहीं है। ऐसे में दानोदिया अपनी ड्यूटी, अपनी ही स्टाइल से कर रहे हैं।
