सऊदी अरब अब कामगारों को वीजा देने से पहले परीक्षा लेगा। इसके आधार पर ही वीजा जारी करेगा। इसके लिए कई व्यवसायों के लिए श्रेणी भी बांट दी गई है। इस व्यवस्था से लाखों लोगों, खासकर राजस्थानियों को अपना रोजगार गवांना पड़ सकता है।
सऊदी अरब के मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्रालय द्वारा यह बदलाव सऊदी बाजार में कुशल श्रमिकों की पेशेवर क्षमता में सुधार के साथ-साथ उत्पादकता को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। सऊदी सरकार ने भर्तियों के लिए 3 स्किल-लेवल तय किए हैं। यह कौशल आधारित हैं। इसके अंतर्गत तीन कौशल स्तरों को निम्न, मध्यम और उच्च श्रेणी में बांटा गया है। सबसे कम वर्क वीजा प्राथमिकता, निम्न स्तर पर दी जाएगी। सऊदी सरकार का मकसद साफ है कि अयोग्य श्रमिकों के प्रवाह को बेहद ही कम कर दिया जाए।
राजस्थान के शेखावाटी अंचल के जिले सीकर, झुंझनु और चुरू के सबसे ज्यादा कामगार खाड़ी देशों में काम कर रहे हैं। इन जिलों के लोग सेना के बाद खाड़ी देश जाना ही पसंद करते हैं। ऐसे में नई वर्क वीजा व्यवस्था से इन्हें नुकसान हो सकता है। कम पढ़े लिखे लोगों की वापसी हो सकती है। यह संख्या हजारों में हो सकती है।
मानव संसाधन और सामाजिक विकास मंत्रालय ने अपने कौशल सत्यापन कार्यक्रम के पहले चरण की शुरूआत कर दी है। इसके तहत कुशल कामगारों की प्रैक्टिकल और लिखित परीक्षा ली जाएगी। इसी परीक्षा के आधार पर वे सऊदी वर्क वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसका पहला चरण भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश पर ही केंद्रित है।
