पचास सालों में 268 से 3167 हुए बाघ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने के मौके पर देश में बाघों की संख्या के बारे में अध्यतन जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश में अब 3167 बाघ हो गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांध ने 1 अप्रैल 1973 को जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ को लॉन्च किया था। उस वक्त देश में बाघों की संख्या 268 से भी कम थी। आज इस प्रोजेक्ट को 50 साल होने पर देशभर में 53 टाइगर रिजर्व हैं और बाघों की संख्या लगभग 3167 हो चुकी है।

देश में बाघों की मौजूदा आबादी दुनिया के जंगली बाघों की आबादी के 70 फीसदी से भी अधिक है। लेकिन आज भी इन पर खतरा मंडरा रहा है। साल 2008 में पहली गणना में बाघों की संख्या 1401 पाई गई थी। तब एमडीटीवी चैनल ने ‘सेव ऑर टाइगर मिशन’ नामक एक व्यापक मीडिया अभियान चलाया। फिर 2010 में उससे भी बड़ा अभियान शुरू किया गया। 1411 का आंकड़ा एक नारा बन गया। अभिनेता अमिताभ बच्चन भी इस मुहिम का हिस्सा बने।

इस सदी की शुरुआत में भारत में 40.000 से भी ज्यादा बाघ थे। आंकड़ों के अनुसार साल 1900 में देश में 40,000 हजार टाइगर थे. जबकि 1973 में ये केवल 268 ही बचे। फिर 2006 में इनकी संख्या 1,411, साल 2010 में 1706, साल 2014 में 2,226 और साल 2018 में 2,967 हो गई। 

इसी प्रकार मजबूत संरक्षण प्रबंधन और सुरक्षा के फलस्वरूप गुजरात में शेरों की आबादी में 29 फीसदी की वृद्धि हुई है। साल 2015 में इनकी संख्या 523 थी, जबकि 2020 में इनकी संख्या 674 थी। वहीं, तेंदुए की आबादी में लगभग 63 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। साल 2014 में इनकी संख्या 7910 थी,जो 2018 में 2,967 हो गई। साल 2022 तक इनकी संख्या 3,167 हो गई। 

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