कोरोना का एक नया वैरिएंट भारत पहुंचा है, जो काफी खतरनाक है। इस नए वैरिएंट का नाम आर्कटुरस है। क्रैकेन वैरिएंट की तुलना में 1.2 गुना अधिक संक्रामक है।
आर्कटुरस वैरिएंट के बारे में कहा जाता है कि यह ओमिक्रॉन के 600 से अधिक सब वैरिएंट में से एक है। इसे अब तक का सबसे संक्रामक संस्करण माना जा रहा है। ‘आर्कटुरस’ नाम, ओमिक्रॉन सबवेरिएंट एक्सबीबी.1.16 को दिया गया है। यह क्रैकेन वेरिएंट (एक्सबीबी.1.5) के समान है। यह वैरिएंट पहली बार जनवरी में पाया गया था। न्यू यॉर्क इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी शो के राजेंद्रम राजनारायणन के अनुसार आर्कटुरस वैरिएंट कैलिफोर्निया, अमेरिका, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका समते 22 देशों में पाया गया है, लेकिन इसके सबसे अधिक मामले भारत में पाए गए हैं।
आर्कटुरस के कारण भारत में संक्रमण के मामलों में पिछले महीने के अंदर 13 गुना वृद्धि हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसकी निगरानी की जा रही है। यह वैरिएंट चिंता का विषय हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना के अन्य वैरिएंट की तुलना में यह अधिक घातक हो सकता है। महामारी के शुरुआती दिनों के विपरीत अभी जो कोरोना के मामले आ रहे हैं, उनके लक्षम फ्लू से मिलते-जुलते हैं। वैसे, एक्सपर्ट्स के अनुसार कोरोना के मामले अगले 10-12 दिनों तक बढ़ते रहेंगे, लेकिन इसके बाद कम होना शुरू हो जाएंगे।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार आर्कटुरस वैरिएंट बच्चों में ऐसे नए लक्षण पैदा करता है, जो ओमिक्रॉन के अन्य वैरिएंट में नहीं देखे गए थे। मंगला हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, बिजनौर के कंसल्टेंट डॉ. विपिन वशिष्ठ के अनुसार तेज बुखार, खांसी, आंखों में खुजली, आंखों में चिप-चिपापन, गुलाबी आंखें इस नए वैरिएंट के लक्षण हैं। कोविड के पुराने लक्षण, जो संक्रमण की पुष्टि करते हैं जैसे सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, गले में खराश, नाक बहना और खांसी आदि भी इस वैरिएंट के लक्षण हो सकते हैं।
इसके लक्षण नजर आने पर व्यक्ति सबसे पहले खुद आइसोलेट कर ले और फिर कोरोना की जांच कराए। बिना जांच कराए और डॉक्टर की सलाह लिए, कोई भी दवाई न ली जाए।
