मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद जमीन विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए शाही ईदगाह ट्रस्ट और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की याचिकाओं को निस्तारित कर दिया है। साथ ही सिविल जज के फैसले के खिलाफ मथुरा के जिला जज को नए सिरे से सुनवाई कर फैसला सुनाने का आदेश दिया। अब सभी पक्षकारों को मथुरा के जिला जज के यहां नए सिरे से दलीलें पेश करनी होगी।
हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए पूरे केस को मथुरा के जिला जज को लौटा दिया है। सिविल कोर्ट ने जिस सिविल सूट को खारिज कर दिया था, उस फैसले के खिलाफ श्रीकृष्ण विराजमान ने जिला जज के यहां रिवीजन अर्जी दाखिल की थी। जिला जज ने सिविल कोर्ट के फैसले को रद्द कर फिर से सुनवाई का आदेश पारित किया था। जिला जज के इसी आदेश को ईदगाह ट्रस्ट कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 17 अप्रैल को फैसला सुरक्षित कर लिया था।
मथुरा का ये विवाद कुल 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकाना हकड़ से जुड़ा हुआ है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है, जबकि ढाई एकड़ जमीन का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। हिंदू पक्ष शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया ढांचा बताता है और इस जमीन पर भी दावा करता है। हिंदू पक्ष की तरफ से शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने और ये जमीन श्री कृष्ण जन्मस्थान को देने की मांग की गई है।
