जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवानों की याचिका पर बुधवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट मांगी है। भारतीय कुश्ती महासंघ में मचे दंगल और इसके अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दायर पहलवानों की याचिका पर बुधवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से मामले पर रिपोर्ट मांगते हुए 12 मई को सुनवाई की अगली तारीख तय की है।
इसबीच ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह को नार्को टेस्ट कराने और खुद की बेगुनाही साबित करने की चुनौती दी है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने प्रदर्शनकारी पहलवानों की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। याचिका में मांग की गई है कि जांच की निगरानी की जाए और कथित पीड़ितों के बयान अदालत के समक्ष दर्ज कराये जाएं। इसमें दावा किया गया है कि 28 अप्रैल को प्राथमिकियों के दर्ज होने के बाद से पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
पहलवानों की याचिका में दावा किया गया है कि पुलिस कोई जांच करने को तैयार नहीं है। पुलिस ने अदालत के समक्ष पीड़ितों के बयान तक दर्ज नहीं किये हैं। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दोनों प्राथमिकियों की प्रतियां भी सीलबंद लिफाफे में अदालत में पेश की गई। एक प्राथमिकी एक नाबालिग से यौन उत्पीड़न के मामले में ‘यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण’ (पॉक्सो) कानून के तहत दर्ज की गई है। दूसरी शिकायतकर्ताओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों में दर्ज की गई है।
कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह पर पहलवानों ने यौन शोषण सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं। इस मामले में न्याय के लिए देश को पदक दिलाने वाले स्टार रेसलर्स कई दिनों से धरना दे रहे हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के बाद बृजभूषण शरण सिंह पर दिल्ली पुलिस ने पॉस्को सहित तीन केस दर्ज किए, लेकिन केस दर्ज होने के 10 से ज्यादा दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक बृजभूषण पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
