प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाथद्वारा दौरे में आज एक मंच पर कांग्रेस और भाजपा के नेता दिखाई दिए। प्रधानमंत्री मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गपशप करते भी नजर आए। वहीं, जब मंच पर संबोधन का नंबर आया, तो दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर शब्द बाण चलाए। गहलोत ने अपने संबोधन में विपक्ष के सम्मान का मुद्दा उठाया तो प्रधानमंत्री ने विपक्ष को नेगेटिवटी से भरा हुआ बता दिया।
गहलोत सार्वजनिक मौकों पर अक्सर यह कहते हैं कि भाजपा और मोदी सरकार विपक्ष को तवज्जो नहीं दे रही है। विपक्ष को देश से खत्म करना चाहती है। यह बात राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के दौरान भी उछाली गई थी। इस बात को उन्होंने आज नरेंद्र मोदी के सामने भी उठाया और कहा कि पक्ष है तो विपक्ष जरूर होगा। अगर विपक्ष नहीं होगा तो पक्ष का क्या मतलब है। उन्होंने बातों-बातों में राजस्थान को गुजरात से आगे भी बता दिया। उन्होंने कहा, पहले हम गुजरात से अपने आप को प्रतिस्पर्धा में रखते थे। तब काफी पीछे पाए जाते थे, लेकिन आज का जमाना ऐसा हो गया है कि हम अब गुजरात से आगे निकल गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का नंबर आया तो उन्होंने अपनी सरकारी योजनाओं की उपलब्धियां गिनाने के साथ में गहलोत के सवालों का जवाब भी दिया, जो उन्होंने अपने संबोधन में उठाए थे। गहलोत ने कहा था कि जिला मुख्यालय होने के बावजूद राजस्थान के 3 जिले अभी तक रेल कनेक्टिविटी से कोसों दूर हैं। परियोजना शुरू होने के बाद बंद हो चुकी है। ईआरसीपी का भी मुद्दा उठाते हुए गहलोत ने कहा कि आपने अजमेर और जयपुर में जो बयान दिए थे, उन पर अडिग रहते हुए आगे काम करिए, क्योंकि इसमें आपकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। पानी के लिए लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आपको मध्य प्रदेश से विवाद में मध्यस्तता करनी चाहिए।
इस पर मोदी ने कहा कि आज देश में कुछ ऐसे लोग हो गए हैं, जो देश में कुछ भी अच्छा होते नहीं देख सकते हैं। कुछ भी अच्छा होता है तो वे विवाद खड़ा कर देते हैं। इतने नेगेटिवटी से ये लोग भरे हुए हैं। उन्होंने कहा, अगर पहले की सरकारें इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देती तो पानी की समस्या नहीं आती, कनेक्टिवटी की समस्या नहीं आती। पहले अस्पताल बना दिए होते तो डॉक्टर्स की समस्या नहीं आती।
प्रधानमंत्री मोदी और सीएम गहलोत के बयानों से साफ हो गया कि कार्यक्रम भले ही जनता का हो, 5500 करोड़ की योजनाएं जनता को दे दी गई, लेकिन दोनों दिग्गज नेताओं ने एक दूसरे पर सियासी दांव चलने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
बीते कुछ महीनों में यह दूसरा मौका है जब राजस्थान में पीएम मोदी और सीएम गहलोत एक मंच पर आए हैं। हालांकि शब्दबणों के बीच पीएम मोदी ने गहलोत को दोस्त बताया तो गहलोत ने भी कहा कि राजनीति में दुश्मनी नहीं होती है। बीते आठ माह में पीएम नरेन्द्र मोदी का राजस्थान में यह पांचवां दौरा है। इस दौरे में पीएम मोदी ने मेवाड़ और मारवाड़ के पांच जिलों की 26 विधानसभा सीटों को साधने की कोशिश की।
