कूनो नेशनल पार्क में चिलचिलाती गर्मी के बीच मादा चीता ज्वाला के दो और शावकों ने भी दम तोड़ दिया। 24 मार्च को मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था। उसके पहले शावक की 23 मई को मौत हो गई थी। प्रथमदृष्टया आज दो शावकों की मृत्यु कमजोरी से होना माना जा रहा है।
कूनो में बीते दो माह में तीन चीतों की मौत हो चुकी है। दो शावक ने भी दम तोड़ दिया है। ये देखकर चीता प्रोजेक्ट की सफलता पर फिर सवाल पर उठ रहे हैं। चीतों की मौत से अधिकारी भी चिंतित हैं। शावकों से पहले चीता साशा, दक्षा और नर चीते उदय की मौत हो चुकी है। तीन चीतों और 2 शावक की मौत के बाद अब कूनो में 17 चीते और 2 शावक शेष बचे हैं। देश में चीतों को एक बार फिर से बसाने की कवायद के साथ ही नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कुल 20 चीते लाए गए थे। पीएम मोदी ने अपने जन्मदिन पर चीतों को बाड़े में आजाद कर देश को चीतों की सौगात दी थी।
